कुछ बातें दिल में होती हैं, जो लफ्ज़ों से बयां नहीं होतीं… लेकिन जब अंदाज़ में तेवर हो और बातों में दम, तब शायरी ही वो ज़रिया बन जाती है, जिससे हम अपने जज़्बात बेझिझक बयां कर सकते हैं।
मैं खुद कई बार ऐसे दौर से गुज़रा हूं जहाँ लोगों को जवाब देने का मन होता था, लेकिन ज़ुबान से नहीं, स्टाइल से। और वहीं पर Badmashi Shayari ने मेरा साथ दिया – बिना कुछ कहे, सब कुछ कहने का तरीका मिल गया।
🔥 Badmashi Shayari in Hindi – जब तेवर ही पहचान हो
मैंने जब पहली बार एक दोस्त की स्टोरी पर Badmashi Shayari देखी, तो लगा – बस, यही चाहिए था। ना ज्यादा बोलना, ना सफाई देना… बस दो लाइनें और सामने वाला खुद समझ जाए।
हमसे जलने वालों का भी एक दौर चला,
जब हमने कहा ‘अभी तो शुरुआत है भाई’।
नाम कमाया है अपने दम पर,
वरना सहारे तो कुत्ते भी ले लेते हैं।
तेरे जैसे बहुत देखे हैं बाजार में बिकते हुए,
हम तेवर रखते हैं बाप से भी ना झुकने वाले।
दबंग हैं हम, झुकना हमारी फितरत नहीं,
और जिसे झुका दें, वो किस्मत नहीं बदल सकता।
हम झुकते नहीं हालातों के आगे,
बस वक्त आने दो, सबकी औकात दिखा देंगे।

औकात की बात मत कर पगले,
हम वहां खड़े होते हैं जहाँ लाइन खत्म होती है
बात अगर तेवर की हो,
तो हम आज भी अकेले पूरे शहर पर भारी हैं।
हमारा स्टाइल और हमारी बातें,
हमेशा आग लगा देती हैं बिना जलाए।
मत पूछो हमारी पहचान,
हम बदमाशी में भी ब्रांड हैं।
शरीफ तो हम बचपन में थे,
अब तो बस बदमाशी ही पहचान है हमारी।

हम वो नहीं जो पीछे हट जाएं,
हम वो हैं जो सामने वाले को उसकी औकात दिखा दें।
माफ़ी मांगने का शौक नहीं हमें,
और माफ़ करना हमारी फितरत में नहीं।
हमसे पंगा सोच समझकर लेना,
क्योंकि हम नाम से नहीं, काम से जाने जाते हैं।
तेरी शराफत हम पर नहीं चलती,
क्योंकि हमने बदमाशी खून में पाली है।
अगर तेरे जैसे सौ भी आएं,
तो भी हम अकेले भारी पड़ेंगें।
✌️ Badmashi Shayari 2 Line – कम लफ्ज़, ज़्यादा असर
अब मैं अक्सर सिर्फ दो लाइन की शायरी लिखता हूं। वो भी ऐसी जो दिल से निकले और सामने वाले को सोचने पर मजबूर कर दे:
बाप हूं मैं तेरे तेवरों का भी,
जिस दिन औकात दिखाई, सांसें कम पड़ जाएंगी।
तेवर अगर हमारे सहने हैं,
तो औकात में रहना ज़रूरी है।
बात अगर बाप की हो तो सुन ले बेटा,
नाम नहीं, काम बोलता है और रुतबा झलकता है।
हमसे पंगा वही लेता है,
जिसे अपनी हार से मोहब्बत होती है।
हर गली में चर्चे हैं हमारे नाम के,
क्योंकि बेटे नहीं, बाप हैं हम इस खेल के।

जो बाप के नाम पर अकड़ते हैं,
हम उनके भी बाप निकले हैं।
बातें कम और काम ज़्यादा करते हैं,
हम जैसे लोग बदनाम नहीं, मशहूर होते हैं।
बाप बनने की कोशिश मत कर बेटा,
क्योंकि तुझसे पहले ही हम इस खेल के बादशाह हैं।
जिस दिन तेवर दिखाए,
उस दिन इतिहास भी डर जाएगा।
नाम एक दिन में नहीं बना,
पर एक दिन ज़रूर काम आएगा।

हम शरीफ क्या हुए,
दुनिया बदमाश कहने लगी।
हम वहां खड़े होते हैं,
जहां लाइन खत्म होती है।
औकात की बात मत कर,
हमारा तो खून भी Royal चलता है।
सुन बेटा, तेरे जैसे बहुत देखे,
हमारी बंदूक से ज़्यादा हमारा नाम चलता है।
तेवर मत देख पगले,
तेरे जैसे तो हम आंखों से गिरा देते हैं।
🤜 Shayari Badmashi Style Mein – जब जवाब देना हो तेवरों से
बात सिर्फ लड़ाई या बदला लेने की नहीं है। Badmashi Shayari मुझे हमेशा उस वक्त काम आई है जब खुद को साबित करना हो, बिना कुछ बोले।
मैंने खुद कई बार ऐसी शायरी इस्तेमाल की जब किसी ने मुझे हल्के में लिया, और अगली बार उन्होंने सोच-समझकर बात की।
हमसे उलझने की कोशिश मत करना,
हम वो खेल हैं जो हर किसी के बस की बात नहीं।
दबंग हूँ इसीलिए अकेला चलता हूँ,
भीड़ तो तमाशा देखती है, साथ नहीं देती।
शोर मचाना मेरी फितरत नहीं,
पर असर ऐसा छोड़ता हूँ कि लोग याद रखते हैं।
तेवर दिखाते हैं वो, जिनका नाम नहीं चलता,
हम तो खामोश रहते हैं और नाम से ही काम हो जाता है।
बदनामी का शौक नहीं,
पर जब नाम आए तो सामने रहना पसंद है।

हमसे पंगा लेना आसान नहीं,
क्योंकि हम लड़ाई नहीं, जंग करते हैं।
किरदार साफ़ है हमारा,
इसलिए कुछ लोग हमें बदमाश कहते हैं।
हम वो हैं जो दुश्मनों को भी मुस्कुरा कर जवाब देते हैं,
क्योंकि डराना हमारी आदत नहीं, आदतें डर बन जाती हैं।
औकात से बात करना सीख ले,
वरना तेरे जैसे तो हम नजरअंदाज़ कर देते हैं।
हमारी शराफत का फायदा मत उठा,
जब हम बदमाशी पर आ जाएं, तो सीधा इतिहास बनाते हैं।

तेरे जैसे बहुत आए, बहुत गए,
हम आज भी अपनी शर्तों पर जीते हैं।
हम वो सिक्का हैं जो हर किसी की जेब में नहीं आते,
और जब आते हैं, तो झुकने का नाम नहीं लेते।
अकड़ तो बचपन से है हमारे अंदर,
जो आज तक किसी के सामने नहीं झुकी।
नाम बड़ा और तेवर ख़तरनाक,
हमसे जलने वालों की लिस्ट लंबी है।
अगर जलने का इलाज होता,
तो आधी दुनिया मेरे खिलाफ़ ना होती।
❤️ आख़िरी बात…
शायरी एक एहसास है, लेकिन जब उसमें बदमाशी वाला तेवर आ जाए, तो वो सिर्फ पढ़ने लायक नहीं, महसूस करने लायक बन जाती है। मैंने इसे खुद जीया है, और अब आपसे भी कहना चाहता हूं – एक बार ट्राय जरूर करना।
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