देशभक्ति सिर्फ नारे लगाने तक सीमित नहीं है। यह एक भावना है, जो दिल के किसी कोने में छिपी होती है — और जब वो बाहर आती है, तो कभी किसी सिपाही की वर्दी बनती है, कभी किसी माँ की आंखों से बहते गर्व के आंसू, और कभी एक कवि की कलम से निकली देशभक्ति कविता (desh bhakti kavita)।
“कलम जब दिल से चले, तो वो केवल शब्द नहीं लिखती — वो इतिहास रचती है।”
मैं जब भी देशभक्ति पर कविता लिखता हूँ, तो ऐसा लगता है जैसे मेरी रगों में सिर्फ स्याही नहीं, बल्कि तिरंगे के रंग दौड़ रहे हैं।
✍️ मेरी पहली देशभक्ति कविता का अनुभव
मैंने अपनी पहली desh bhakti kavita उस दिन लिखी थी, जब स्कूल में 15 अगस्त का कार्यक्रम था। सबने बड़ी-बड़ी कविताएं लिखीं, लेकिन मैं सिर्फ दिल से एक आसान सी कविता लेकर स्टेज पर गया।
और यकीन मानिए — लोगों की तालियों ने मुझे सिखा दिया कि शब्द बड़े नहीं, भावना बड़ी होती है। तभी से मैं हमेशा ऐसी कविताएं लिखता हूँ जो हर किसी को समझ में आए — सरल, लेकिन असरदार।
🌟 Easy Desh Bhakti Poem in Hindi (छोटी व आसान देशभक्ति कविता)
माँ तुझ पर बलिहारी जाऊं,
तेरा ही गीत सदा मैं गाऊं।
धूप हो या छांव की बात हो,
तेरा नाम जुबां पर हर बात हो।
शेरों की धरती, वीरों का देश,
तुझपे नाज़ है, मेरा भारत विशेष।
भारत मेरा प्यारा देश
भारत मेरा प्यारा देश,
सबसे सुंदर इसका वेश।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
सबको यहाँ मिले समाई।
तिरंगे की शान न कम हो,
हर दिल में इसका दम हो।
जय जवान और जय किसान,
गूंजे हर ओर हिंदुस्तान!
तिरंगा हमारा अभिमान
तीन रंगों की यह शान है,
भारत माँ की पहचान है।
केसरिया साहस दिखाता है,
सफेद शांति सिखाता है।
हरा रंग हरियाली लाए,
चक्र हमें आगे बढ़ाए।
तिरंगा हमको प्यारा है,
इस पर दिल निसार हमारा है।
वीरों को सलाम
जो सरहद पर जान देते हैं,
हमारी रक्षा में खड़े रहते हैं।
ना दिन की परवाह, ना रात का डर,
देश के लिए सब कुछ है सर।
ऐसे वीरों को हम सलाम करें,
हर पर्व पर उन्हें प्रणाम करें।
उनकी कुर्बानी को ना भूलें हम,
हर दिल में हो उनका सत्कार कम।
जय हिंद का नारा
चलो फिर से वो याद करें,
वीरों की बलिदान भरी राहें।
जिन्होंने अपना सब कुछ देकर,
हमको आज़ादी दी चाहें।
हर सांस में हो देश का नाम,
हर कदम पे हो तिरंगे का काम।
बोलो मिलकर सबसे प्यारा,
वंदे मातरम्! जय हिंद का नारा!
देशभक्ति कविता: माँ तुझे सलाम
माँ तुझे सलाम, वंदन तेरा,
तेरी माटी में है कुछ खास बसेरा।
जिसने चूमी तेरी धूल भरी राहें,
वो बन गए हैं इतिहास के गवाहें।
सिर्फ रंगों से नहीं बना ये तिरंगा,
इसमें बसी है एकता, बलिदान, और धैर्य का रंगा।
हर सैनिक की साँस तुझ पर कुर्बान,
हर दिल में बसा तेरा अभिमान।
जब सरहद पर खड़ा है जवान,
उसकी आँखों में झलकता है हिंदुस्तान।
ना भूख की परवाह, ना नींद की फिक्र,
उसे बस प्यारा है तेरा पवित्र चित्र।
बचपन से सीखा है – वंदे मातरम्,
तेरे नाम पे जीना है मेरा धर्म।
तेरे लिए ही कलम उठती है मेरी,
तेरे लिए ही बहती है हर लहर मेरी।
ओ भारत माँ! तुझ पर है जान निसार,
तेरी रक्षा को रहेंगे सदा तैयार।
हर सांस, हर धड़कन, हर एक प्रणाम,
तुझको समर्पित — माँ तुझे सलाम।
Desh Bhakti Kavita In Hindi: तिरंगे का वादा
तिरंगे के नीचे जब सिर झुकता है,
हर भारतीय का दिल धड़कता है।
ना धर्म की दीवार, ना भाषा का भेद,
बस एक ही नाम – भारत, मेरा देश!
माँ की गोद है ये धरती प्यारी,
इस पर कुर्बान हो हर जवानी हमारी।
जिसने सींचा है इसे अपने लहू से,
उसे सलाम है दिल के हर जज़्बे से।
हर सुबह जब सूरज उगता है,
तिरंगा आसमान में लहराता है।
याद दिलाता है हमें वो कसम,
देश के लिए जीना ही है सबसे बड़ा धर्म।
हम जवान हैं, तो देश सुरक्षित है,
हम किसान हैं, तो धरती पवित्र है।
हम छात्र हैं, तो ज्ञान से भरपूर,
हर कोना कहता है – भारत है मशहूर।
चलो मिलकर फिर एक प्रण करें,
देश को ऊंचाइयों तक हम संग ले चलें।
ना नफ़रत, ना बैर, ना लड़ाई हो,
हर दिल में बस देशभक्ति की परछाई हो।
🔚 निष्कर्ष
“जब दिल में देश हो, तो कलम खुद झुक जाती है भारत माता के चरणों में।”
देशभक्ति कविता सिर्फ मंच पर सुनाई जाने वाली बात नहीं है — ये हर उस इंसान की आवाज़ है, जो अपने देश से प्यार करता है।
चाहे आप एक छोटी सी easy desh bhakti poem in Hindi लिखें या बड़ी कविता, फर्क नहीं पड़ता — भावना वही होनी चाहिए जो दिल से निकली हो और दिल तक पहुंचे।